Sunday 6 September 2015

Devotion अर्थात् शरणागति या भक्ति इस प्रकार ये सभी नाम प्रेम के ही हैं।प्रेम ( मोह नहीं ) ही सर्वोच्च भक्ति हैं , प्रेम ही वास्तविक जीवन है, प्रेम में ही बास्तविक सुख है और यही मोक्ष का कारक भी है ।भगवान श्री कृष्ण जी ने भक्ति को सर्वोपरि कहा है लेकिन भक्ति का आधार प्रेम बताया है ।....By Dr.Surendra Nath Panch Ji